एक युवा, स्याही लगी लोमडी अपने दादाजी के बीज की लालसा रखती है। वह कुशलता से उन्हें बाहर खुश करती है, फिर उत्सुकता से उनकी रिहाई को खा जाती है, जिससे पीछे कोई निशान नहीं रह जाता है। यह उच्च परिभाषा वाला दृश्य उसके बुजुर्ग प्रेमी के वीर्य के लिए उसकी अतृप्त भूख को दर्शाता है।