इस दूसरी किस्त में, युवा भतीजे की अपनी प्यारी चाची को लुभाने की योजना सामने आती है। वह आनंद लेने के उसके उत्सुक प्रयासों, उसकी माँ की अस्वीकृति और परम प्राप्ति का गवाह है। यह एक वर्जित परिवार की गतिशीलता में एक कच्चा, बिना फ़िल्टर वाला रूप है, जोश, हास्य और अप्रत्याशित मोड़ से भरा हुआ है।